Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Feb 2023 · 1 min read

गज़ल

सादगी का लिबास ओढ़ते हैं गैरों की महफिल में
अपनों को तो लोग, खंजर की नोक पर रखते हैं।
अपना कहना और अपनों की तरह रखना,बात अलग है
यहां सबके चेहरे अपना अपना मिजाज रखते हैं।
आईना भी जिन्हें शक्ल दिखाने से इनकार करता है
वो भी, बार_बार, आईने में उतर जाने की बात करते हैं।
एक चेहरा हो तो पहचानने में कोई मुश्किल नहीं होती।
यहां तो लोग एक चेहरे के पीछे हजारों चेहरे रखते हैं।

Language: Hindi
1 Like · 127 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अपात्रता और कार्तव्यहीनता ही मनुष्य को धार्मिक बनाती है।
अपात्रता और कार्तव्यहीनता ही मनुष्य को धार्मिक बनाती है।
Dr MusafiR BaithA
प्रथम दृष्टांत में यदि आपकी कोई बातें वार्तालाभ ,संवाद या लि
प्रथम दृष्टांत में यदि आपकी कोई बातें वार्तालाभ ,संवाद या लि
DrLakshman Jha Parimal
*पूजा का थाल (कुछ दोहे)*
*पूजा का थाल (कुछ दोहे)*
Ravi Prakash
भाव गणित
भाव गणित
Shyam Sundar Subramanian
अब क्या बताएँ छूटे हैं कितने कहाँ पर हम ग़ायब हुए हैं खुद ही
अब क्या बताएँ छूटे हैं कितने कहाँ पर हम ग़ायब हुए हैं खुद ही
Neelam Sharma
" बोलती आँखें सदा "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
आईना ही बता पाए
आईना ही बता पाए
goutam shaw
बसंत आने पर क्या
बसंत आने पर क्या
Surinder blackpen
काव्य की आत्मा और अलंकार +रमेशराज
काव्य की आत्मा और अलंकार +रमेशराज
कवि रमेशराज
कौसानी की सैर
कौसानी की सैर
नवीन जोशी 'नवल'
त्याग समर्पण न रहे, टूट ते परिवार।
त्याग समर्पण न रहे, टूट ते परिवार।
Anil chobisa
मेरे विचार
मेरे विचार
Anju
माँ (खड़ी हूँ मैं बुलंदी पर मगर आधार तुम हो माँ)
माँ (खड़ी हूँ मैं बुलंदी पर मगर आधार तुम हो माँ)
Dr Archana Gupta
हनुमंत लाल बैठे चरणों में देखें प्रभु की प्रभुताई।
हनुमंत लाल बैठे चरणों में देखें प्रभु की प्रभुताई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
*प्रिया किस तर्क से*
*प्रिया किस तर्क से*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कदीमी याद
कदीमी याद
Sangeeta Beniwal
मित्रता दिवस पर एक खत दोस्तो के नाम
मित्रता दिवस पर एक खत दोस्तो के नाम
Ram Krishan Rastogi
⚘*अज्ञानी की कलम*⚘
⚘*अज्ञानी की कलम*⚘
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
प्रेम अटूट है
प्रेम अटूट है
Dr. Kishan tandon kranti
*शहर की जिंदगी*
*शहर की जिंदगी*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
सुबह आंख लग गई
सुबह आंख लग गई
Ashwani Kumar Jaiswal
कोई ऐसा बोलता है की दिल में उतर जाता है
कोई ऐसा बोलता है की दिल में उतर जाता है
कवि दीपक बवेजा
गरजता है, बरसता है, तड़पता है, फिर रोता है
गरजता है, बरसता है, तड़पता है, फिर रोता है
Suryakant Dwivedi
कोंपलें फिर फूटेंगी
कोंपलें फिर फूटेंगी
Saraswati Bajpai
नित  हर्ष  रहे   उत्कर्ष  रहे,   कर  कंचनमय  थाल  रहे ।
नित हर्ष रहे उत्कर्ष रहे, कर कंचनमय थाल रहे ।
Ashok deep
विरक्ति
विरक्ति
swati katiyar
पाँव में खनकी चाँदी हो जैसे - संदीप ठाकुर
पाँव में खनकी चाँदी हो जैसे - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
The Saga Of That Unforgettable Pain
The Saga Of That Unforgettable Pain
Manisha Manjari
तू सहारा बन
तू सहारा बन
Bodhisatva kastooriya
स्वयं से सवाल
स्वयं से सवाल
आनन्द मिश्र
Loading...