गज़ल
दिल में वो् इस तरह से् समाती चली गई!
इक बार आइ याद तो् …आती चली गई!
मैंने किया था् प्यार उसे जिंदगी समझ,
वो फिर भी् मेरे् दिल को दुखाती चली गई!
उसने जलाइ थी जो् शमाँ जिंदगी में यार,
वो जिंदगी मे् राह ….दिखाती चली गई!
हमने उसे तो प्यार किया था, खुदा समझ,
सजदा सलाम मुझ से् ..करा के चली गई!
जो भी मिला तुझे …वो् तेरा प्यार पा गया,
प्रेमी सभी को यार …….बनाती चली गई!
….. ✍ प्रेमी