गज़ल
जिन्दगी ऊपर वाले की सौगात होती है
उसकी मर्जी से ही दिन व रात होती है।
चांद तो एक ही होता है नीले नभ के तले
संग-संग सितारों ही की बारात होती है।
बड़ा सुहाना होता है वो सावन का मौसम
जब बादलों से रिमझिम बरसात होती है
बाग में जब होती है मुलाकात फूलों से
बड़ी ही खूबसूरत कायनात होती है।
कुदरत की तो हर शै है बड़ी प्यारी सी
सौ बातों की बस यह एक बात होती है।
रंजना माथुर
अजमेर (राजस्थान)
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना