गज़ल
निवेदन, गुज़ारिश, इल्तज़ा
हैं अद्भुत,अद्वितीय प्रयास है।
अखंड आशा से भरा
अंतर्मन का आत्मविश्वास है।
ये निवेदन, गुज़ारिश, इल्तज़ा
सकारात्मक ऊर्जा का उल्लास हैं।
ऩमन नमन तुमको हे निवेदन,
संजीवनी बन खत्म करते तुम
चिंतित हिया की सारी बेदन।
चमत्कार करे शब्द निवेदन
पतझड़ को करें बहार निवेदन।
निर्बल को सबल बनाता निवेदन
कीचड़ में कमल खिलाता निवेदन।
करे मरुभूमि को नदिया कलकल,
भरे पत्थर हृदय में करुणा छलछल।
वल्य को करता वाल्मीकि निवेदन।
इस शब्द छिपा है भाव संवेदन।
बियावान बंजर भूमि को
वसंत से भरता है निवेदन।
कान्हा सुन नीलम का निवेदन
शेष करो मम हृदय की बेदन।
नीलम शर्मा