गज़ल
सारे रिश्ते खफ़ा हो गए,
मुश्किलो में हवा हो गए।।
है यकीं है यकीं बस यही
मीत मेरे दफ़ा हो गए।।
खामखा आ गई याद तो,
अश्क़ सारे सदा हो गए।।
हर तरफ हुस्न बेदाग़ हैं
एक आशिक सजा हो गए।।
बेवफाई में तेरी सभी
ख्वाब मेरे कजा हो गए।।
तू गई तो सभी दर्द भी,
दिन ब दिन आशना हो गए।।
एक चेहरे तले वक़्त के,
कारवाँ सब फ़ना हो गए।।