Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Apr 2019 · 1 min read

गजल

“ग ज़ ल”
————————-

घाव पर चोट बनाये रखिये;
बेअसर न हो,दर्द बनाये रखिये।

दुश्मन हो,दोस्ती,बनाये रखिये;
कम हैं अभी नश्तर चुभाये रखिये।

धूप है ग़र,साया बनाये रखिये;
अंधेरे में दिया जलाये रखिये।

रहें नज़दीकियां इतनी बनाये रखिये;
जाना है साथ ,दूरियाँ बनाये रखिये।

दौर मुलाक़ातों का बनाये रखिये;
याद रहे चेहरा,दिल को बताये रखिये।

साज़िशें हैं इन्हें छिपाये रखिये;
राज़ हैं गहरे इन्हें दबाये रखिये।
————————-
राजेश”ललित”शर्मा
स्वरचित
2-4-2019

6 Likes · 2 Comments · 235 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ONR WAY LOVE
ONR WAY LOVE
Sneha Deepti Singh
क्षितिज पार है मंजिल
क्षितिज पार है मंजिल
Atul "Krishn"
न्याय तुला और इक्कीसवीं सदी
न्याय तुला और इक्कीसवीं सदी
आशा शैली
पढ़ाई -लिखाई एक स्त्री के जीवन का वह श्रृंगार है,
पढ़ाई -लिखाई एक स्त्री के जीवन का वह श्रृंगार है,
Aarti sirsat
सूर्यदेव
सूर्यदेव
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Rebel
Rebel
Shekhar Chandra Mitra
वो मेरे बिन बताए सब सुन लेती
वो मेरे बिन बताए सब सुन लेती
Keshav kishor Kumar
सज्जन से नादान भी, मिलकर बने महान।
सज्जन से नादान भी, मिलकर बने महान।
आर.एस. 'प्रीतम'
जबसे उनको रकीब माना है।
जबसे उनको रकीब माना है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
शिक्षक को शिक्षण करने दो
शिक्षक को शिक्षण करने दो
Sanjay Narayan
सफ़ारी सूट
सफ़ारी सूट
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कोन ल देबो वोट
कोन ल देबो वोट
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
गाँधी हमेशा जिंदा है
गाँधी हमेशा जिंदा है
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
सारा दिन गुजर जाता है खुद को समेटने में,
सारा दिन गुजर जाता है खुद को समेटने में,
शेखर सिंह
लेखक डॉ अरूण कुमार शास्त्री
लेखक डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जब वक्त ने साथ छोड़ दिया...
जब वक्त ने साथ छोड़ दिया...
Ashish shukla
मैं और मेरी तन्हाई
मैं और मेरी तन्हाई
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
#सामयिक_व्यंग्य...
#सामयिक_व्यंग्य...
*Author प्रणय प्रभात*
Keep yourself secret
Keep yourself secret
Sakshi Tripathi
"गांव की मिट्टी और पगडंडी"
Ekta chitrangini
तोड़ सको तो तोड़ दो ,
तोड़ सको तो तोड़ दो ,
sushil sarna
* साधा जिसने जाति को, उसका बेड़ा पार【कुंडलिया】*
* साधा जिसने जाति को, उसका बेड़ा पार【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
याद - दीपक नीलपदम्
याद - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
दुर्गा माँ
दुर्गा माँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
प्रेम पर शब्दाडंबर लेखकों का / MUSAFIR BAITHA
प्रेम पर शब्दाडंबर लेखकों का / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
जीवन भर मरते रहे, जो बस्ती के नाम।
जीवन भर मरते रहे, जो बस्ती के नाम।
Suryakant Dwivedi
प्रथम नमन मात पिता ने, गौरी सुत गजानन काव्य में बैगा पधारजो
प्रथम नमन मात पिता ने, गौरी सुत गजानन काव्य में बैगा पधारजो
Anil chobisa
छुट्टी बनी कठिन
छुट्टी बनी कठिन
Sandeep Pande
अजी सुनते हो मेरे फ्रिज में टमाटर भी है !
अजी सुनते हो मेरे फ्रिज में टमाटर भी है !
Anand Kumar
अपनी क़ीमत
अपनी क़ीमत
Dr fauzia Naseem shad
Loading...