गजल
“ऐ !खुदा क्यु खफा है तु आज मुझसे
जरा मुझे इस खफा कि खता तो बता
हु जुस्तजु मे तेरी फिरता मै दर-बदर
रहता है किस जहां मे तु,पता तो बता ,
नही गुजारिश कोई तुझसे मेरी यहा
रह गया अधूरा मै,मेरी धता तो बता,
मुकम्मल नही मेरी जुस्तजु तुझ बिन
इस जुस्तजु कि अब,इन्तहा तो बता”