गजल
सिर्फ सोचूं या तुझे हाथ लगा कर देखूं।
सारी दुनिया की नजर से मैं बचा कर देखूं।
संगदिल मोम भी बन सकता है चल कर देखूं।
हाले दिल उसको कभी अपना सुना कर देखूं।
इश्क में नींद है उड़ जाती बताया सबने।
इसलिए सोचा तुझे दिल में बसा कर देखूं।
देखकर हाथ मजूसी ने मुझे बोला था।
किसी हसीना को ख्वाबों में सजा कर देखूं।
खुद ब खुद जान लुटा देंगे सभी परवाने।
पहले शम्आ कोई महफ़िल में जलाकर देखूँ।
उस से बिछड़ूंगा तो रह पाऊंगा ज़िंदा कैसे।
सगीर इक बार, इक लम्हे को भुला कर देखूं।