गजल
या खुदा वह असर हो मेरी आह में।
प्यार जिसको करूं हो मेरी बांह में।
छीन सकता नहीं मुझसे कोई तुझे।
इस तरह से है शिद्दत मेरी चाह में।
सगीर इश्क क्या है यह महसूस हो,
चलके देखो कभी तुम मेरी राह में।
या खुदा वह असर हो मेरी आह में।
प्यार जिसको करूं हो मेरी बांह में।
छीन सकता नहीं मुझसे कोई तुझे।
इस तरह से है शिद्दत मेरी चाह में।
सगीर इश्क क्या है यह महसूस हो,
चलके देखो कभी तुम मेरी राह में।