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10 Jul 2020 · 1 min read

गजल-रूहानी लिख रही हूँ।

ग़ज़ल-रूहानी लिख रही हूँ।।

जिंदगी की दास्तां, सुहानी लिख रही हूँ,
हसीं लम्हों की मैं, कहानी लिख रही हूँ।

गुनगुनाते रहें उम्रभर, तराने खुशियों के,
गीत ऐसा मैं, तेरी दीवानी लिख रही हूँ।

खट्टे मीठे पलों को,जिया हमनें साथ,
उन पल की दास्तां, पुरानी लिख रही हूँ।

बिसार दें हम यूँ ही, सारे गम जिंदगी के,
सुखमय क्षणों की निशानी लिख रही हूँ।

हमसफ़र हर कदम पर,तेरा साथ दूँगी,
दिल से अपने प्रीत की रूहानी लिख रही है।।
By:Dr Swati Gupta

1 Like · 2 Comments · 418 Views
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