गजल-फूल खिलाया सनम
अपने दिल में तुझको बसाया सनम,
इस रिश्ते को प्यार से सजाया सनम।
तेरे कदमों से मेरे कदम मिल रहे हैं,
सफर जीवन का तुझ संग भाया सनम।
शूल चाहें कितने भी राहों में बिछे हो,
हर मुश्किलों को पार लगाया सनम।
लगता तेरे संग हर मौसम अजीज है,
पतझड़ में भी फूल खिलाया सनम।
तेरे लिए अपना सब कुछ निसार दूं,
मेरी हर सांस में तू ही समाया सनम।
सलामत रहे तेरी मेरी जोड़ी सदा ही,
प्रदीप स्वाति को खुदा ने मिलाया सनम।
उन्नति और उत्कर्ष से महके चमन ये,
सजदे में सिर अपना झुकाया सनम।
By:Dr Swati Gupta