गजल ……किसी से मिला ना कर
******* किसी से मिला ना कर ********
कोई नही है अपना , किसी से गिला ना कर
इस शहर में दिल लेकर , किसी से मिला ना कर
गम को खुशी बनाकर , हवा में उडा दे तू
अपने गमों का आम यूं , सिलसिला ना कर
दिल से जो काम लोगे , कयामत ही आयेगी
गुजरी कहानी लेकर , किसी से मिला ना कर
लोगों ने हुनर सीख लिया है , रूलानें का
यूं वक्त – बे – वक्त , किसी से खिला ना कर
ऑखों के समुन्द्र को , छलकनें नही देना
पानी सा हर एक जाम में, “सागर” मिला ना कर !!
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बैखोफ शायर/गीतकार/लेखक
डाँ. नरेश कुमार “सागर”
9897907490