Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Feb 2022 · 1 min read

गजल/ कविता / गजल

हजज मुसद्दस महजुफ
१२२२/१२२२/१२२
गजल
//////
म आँखामा कला देख्दै छु आज
गजलको दुर्दशा देख्दै छु आज ।

कसैको हुन्न कोही अन्तसम्म
निकै दुर्बल जरा देख्दै छु आज ।

सिमानामा बसेको छैन कोही
पुराना छन् ध्वजा देख्दै छु आज ।

अनेकौं छन् बखेडा देश भित्र
नियम कानुन झुटा देख्दै छु आज ।

सडकमा छन् असल मान्छे यहाँका
सदनमा छन् गधा देख्दै छु आज।
• देवी पन्थी / विराटनगर
२०७८/११/०९

Language: Nepali
1 Like · 736 Views

You may also like these posts

दोहे
दोहे
navneet kamal
सपने
सपने
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दोहे
दोहे
गुमनाम 'बाबा'
शु
शु
*प्रणय*
एक कोर्ट में देखा मैंने बड़ी हुई थी भीड़,
एक कोर्ट में देखा मैंने बड़ी हुई थी भीड़,
AJAY AMITABH SUMAN
"मौन"
Dr. Kishan tandon kranti
कुपथ कपट भारी विपत🙏
कुपथ कपट भारी विपत🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
फूल यूहीं खिला नहीं करते कलियों में बीज को दफ़्न होना पड़ता
फूल यूहीं खिला नहीं करते कलियों में बीज को दफ़्न होना पड़ता
Lokesh Sharma
ज़रा सी  बात में रिश्तों की डोरी  टूट कर बिखरी,
ज़रा सी बात में रिश्तों की डोरी टूट कर बिखरी,
Neelofar Khan
नौ फेरे नौ वचन
नौ फेरे नौ वचन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
साहित्य सृजन .....
साहित्य सृजन .....
Awadhesh Kumar Singh
वो मेरे बिन बताए सब सुन लेती
वो मेरे बिन बताए सब सुन लेती
Keshav kishor Kumar
*कभी मिटा नहीं पाओगे गाँधी के सम्मान को*
*कभी मिटा नहीं पाओगे गाँधी के सम्मान को*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हौसला जिद पर अड़ा है
हौसला जिद पर अड़ा है
डॉ. दीपक बवेजा
3236.*पूर्णिका*
3236.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"दुखद यादों की पोटली बनाने से किसका भला है
शेखर सिंह
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
*रेल हादसा*
*रेल हादसा*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बदल जाएगा तू इस हद तलक़ मैंने न सोचा था
बदल जाएगा तू इस हद तलक़ मैंने न सोचा था
Johnny Ahmed 'क़ैस'
★भारतीय किसान ★
★भारतीय किसान ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
शहर में मजदूर तबका केवल भाड़ा और पेट भरने भर का ही पैसा कमा
शहर में मजदूर तबका केवल भाड़ा और पेट भरने भर का ही पैसा कमा
Rj Anand Prajapati
प्रश्न
प्रश्न
Shally Vij
तुझे देखने को करता है मन
तुझे देखने को करता है मन
Rituraj shivem verma
मंजिल न मिले
मंजिल न मिले
Meera Thakur
दलित साहित्य / ओमप्रकाश वाल्मीकि और प्रह्लाद चंद्र दास की कहानी के दलित नायकों का तुलनात्मक अध्ययन // आनंद प्रवीण//Anandpravin
दलित साहित्य / ओमप्रकाश वाल्मीकि और प्रह्लाद चंद्र दास की कहानी के दलित नायकों का तुलनात्मक अध्ययन // आनंद प्रवीण//Anandpravin
आनंद प्रवीण
राधेय - राधेय
राधेय - राधेय
आर.एस. 'प्रीतम'
एक पल सुकुन की गहराई
एक पल सुकुन की गहराई
Pratibha Pandey
जन्मदिन
जन्मदिन
Sanjay ' शून्य'
ख्वाब उसी के पूरे होते
ख्वाब उसी के पूरे होते
लक्ष्मी सिंह
Loading...