सूने सूने से लगते हैं
गए हो जबसे वे गलियां चौबारे सूने सूने से लगते हैं
करते थे जहां अटखेलियां चौराहेभी सूने सूने से लगते हैं
आ भी जाओ अब बहुत दिन हो चले हैं मिले हुए तुमसे
संजोए स्मृतियों विगत हर पथ सूने सूने से लगते हैं
इंजी संजय श्रीवास्तव
बालाघाट मध्यप्रदेश
9425822488