Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 May 2024 · 1 min read

गंगा

गंगा

मैं पवित्र पूजनीय गंगा हूँ !
शीतल जल मेरा
बहती में पर्वत से, मंदिर घर मेरा l
पवित्रता की देवी मैं,
गौरवमय मस्तक मेरा,
मैं ही तो घर मतस्या का
जीवन उनका शीतल जल मेरा l
मैं शांत भोली-भाली,
मित्रता से भरा देह मेरा
चलावे, कपट, नीति से दूर l
मनुष्य की गिरफ़्त में
मैं गंदगी से भर गई,
अपना मुख देखने से मैं डर गई l
गंदगी से भरपूर न बचा जीवन में उल्लास,
उठा मित्रता से मेरा विश्वास l
क्यों आवाज़ नहीं सुनते मेरी..
मैं उदास नदी उफ़ -उफ़ कर रोती हूँ l
और आंसू रूपी पानी से मैं समुद्र भरती हूँ …
आंसू से समुद्र भरती हूँ ….

41 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ऐ भाई - दीपक नीलपदम्
ऐ भाई - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
गाथा बच्चा बच्चा गाता है
गाथा बच्चा बच्चा गाता है
Harminder Kaur
//सुविचार//
//सुविचार//
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
तिरंगा
तिरंगा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
खिलते फूल
खिलते फूल
Punam Pande
"दलित"
Dr. Kishan tandon kranti
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आलस्य एक ऐसी सर्द हवा जो व्यक्ति के जीवन को कुछ पल के लिए रा
आलस्य एक ऐसी सर्द हवा जो व्यक्ति के जीवन को कुछ पल के लिए रा
Rj Anand Prajapati
ना मुझे मुक़द्दर पर था भरोसा, ना ही तक़दीर पे विश्वास।
ना मुझे मुक़द्दर पर था भरोसा, ना ही तक़दीर पे विश्वास।
कविता झा ‘गीत’
दहेज की जरूरत नही
दहेज की जरूरत नही
भरत कुमार सोलंकी
*मर्यादा पुरूषोत्तम राम*
*मर्यादा पुरूषोत्तम राम*
Shashi kala vyas
बेटी है हम हमें भी शान से जीने दो
बेटी है हम हमें भी शान से जीने दो
SHAMA PARVEEN
ज़िक्र-ए-वफ़ा हो या बात हो बेवफ़ाई की ,
ज़िक्र-ए-वफ़ा हो या बात हो बेवफ़ाई की ,
sushil sarna
किसी के इश्क में ये जिंदगी बेकार जाएगी।
किसी के इश्क में ये जिंदगी बेकार जाएगी।
सत्य कुमार प्रेमी
*नमन गुरुवर की छाया (कुंडलिया)*
*नमन गुरुवर की छाया (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
वर्तमान समय में महिलाओं के पुरुष प्रधान जगत में सामाजिक अधिकार एवं अस्मिता हेतु संघर्ष एक विस्तृत विवेचना
वर्तमान समय में महिलाओं के पुरुष प्रधान जगत में सामाजिक अधिकार एवं अस्मिता हेतु संघर्ष एक विस्तृत विवेचना
Shyam Sundar Subramanian
"बेटी दिवस, 2024 पर विशेष .."
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
*ये आती और जाती सांसें*
*ये आती और जाती सांसें*
sudhir kumar
23/85.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/85.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ख्वाहिशों के बैंलेस को
ख्वाहिशों के बैंलेस को
Sunil Maheshwari
आइये झांकते हैं कुछ अतीत में
आइये झांकते हैं कुछ अतीत में
Atul "Krishn"
You'll never truly understand
You'll never truly understand
पूर्वार्थ
पुष्प
पुष्प
Dinesh Kumar Gangwar
बताओ कहां से शुरू करूं,
बताओ कहां से शुरू करूं,
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
Remembering that winter Night
Remembering that winter Night
Bidyadhar Mantry
जो लिखा है
जो लिखा है
Dr fauzia Naseem shad
ज़िंदगी चलती है
ज़िंदगी चलती है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मै स्त्री कभी हारी नही
मै स्त्री कभी हारी नही
dr rajmati Surana
Time and tide wait for none
Time and tide wait for none
VINOD CHAUHAN
#दोहा-
#दोहा-
*प्रणय प्रभात*
Loading...