Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Nov 2021 · 1 min read

गंगा जी में गए नहाने (बाल कविता)

गंगा जी में गए नहाने( बाल कविता)
☘??☘??☘??
गंगा जी में गए नहाने
डुबकी एक लगाई,
ठेले पर बिक रही जलेबी
जीभ देख ललचाई।।

मम्मी बोलीं” धूल भरी यह “-
कहकर नहीं खिलाई ,
मजा आ गया लेकिन खिचड़ी
भंडारे में पाई ।।

मिला साथ में दूध ढ़ेर था
जिसमें पड़ी मलाई।।
—- …——————————————-
रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99 97 61 5451

256 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
हमको बच्चा रहने दो।
हमको बच्चा रहने दो।
Manju Singh
कलियुग
कलियुग
Bodhisatva kastooriya
नया मानव को होता दिख रहा है कुछ न कुछ हर दिन।
नया मानव को होता दिख रहा है कुछ न कुछ हर दिन।
सत्य कुमार प्रेमी
मां
मां
Monika Verma
जिंदगी की धुंध में कुछ भी नुमाया नहीं।
जिंदगी की धुंध में कुछ भी नुमाया नहीं।
Surinder blackpen
मत बनो उल्लू
मत बनो उल्लू
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
* विजयदशमी मनाएं हम *
* विजयदशमी मनाएं हम *
surenderpal vaidya
मैं
मैं
Vivek saswat Shukla
तन को कष्ट न दीजिए, दाम्पत्य अनमोल।
तन को कष्ट न दीजिए, दाम्पत्य अनमोल।
जगदीश शर्मा सहज
One day you will leave me alone.
One day you will leave me alone.
Sakshi Tripathi
क्या बताऍं शुगर हो गई(  हास्य व्यंग्य )
क्या बताऍं शुगर हो गई( हास्य व्यंग्य )
Ravi Prakash
😢सीधी-सीख😢
😢सीधी-सीख😢
*Author प्रणय प्रभात*
झूठ बोलते हैं वो,जो कहते हैं,
झूठ बोलते हैं वो,जो कहते हैं,
Dr. Man Mohan Krishna
"फिकर से जंग"
Dr. Kishan tandon kranti
आपकी वजह से किसी को दर्द ना हो
आपकी वजह से किसी को दर्द ना हो
Aarti sirsat
💐प्रेम कौतुक-461💐
💐प्रेम कौतुक-461💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
रिश्तों में वक्त
रिश्तों में वक्त
पूर्वार्थ
दशमेश गुरु गोविंद सिंह जी
दशमेश गुरु गोविंद सिंह जी
Harminder Kaur
नैनों में प्रिय तुम बसे....
नैनों में प्रिय तुम बसे....
डॉ.सीमा अग्रवाल
आउट करें, गेट आउट करें
आउट करें, गेट आउट करें
Dr MusafiR BaithA
ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत
ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मेला दिलों ❤️ का
मेला दिलों ❤️ का
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
क़त्ल काफ़ी हैं यूँ तो सर उसके
क़त्ल काफ़ी हैं यूँ तो सर उसके
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सच
सच
Neeraj Agarwal
296क़.*पूर्णिका*
296क़.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
किसान
किसान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि का परिचय।
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि का परिचय।
Dr. Narendra Valmiki
औकात
औकात
साहित्य गौरव
'धोखा'
'धोखा'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
इक ग़ज़ल जैसा गुनगुनाते हैं
इक ग़ज़ल जैसा गुनगुनाते हैं
Shweta Soni
Loading...