*गंगा उतरीं स्वर्ग से,भागीरथ की आस (कुंडलिया)*
गंगा उतरीं स्वर्ग से,भागीरथ की आस (कुंडलिया)
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गंगा उतरीं स्वर्ग से,भागीरथ की आस
महादेव खोले जटा ,नूतन दिव्य प्रयास
नूतन दिव्य प्रयास , मुदित नंदी को पाया
आदिशक्ति-पति धन्य ,अमृत धरती पर आया
कहते रवि कविराय ,नहाकर हो मन चंगा
करतीं मोक्ष प्रदान ,अवतरित जग में गंगा
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997 615451