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शिव प्रताप लोधी
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3 Aug 2022 · 1 min read
ख्वाहिश
ख्वाहिशें नहीं रहीं कि ज़माना पहचानें मुझे
खुद को जान जाऊं यही बहुत है मेरे लिए।।
Language:
Hindi
Tag:
शेर
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