ख्वाब
वो ख़्वाब भी क्या ख़्वाब भला,
जो पलभर में आखों से बिसरती हो ।
यह तो ऑंखों की वह हीना है ,
जो वक़्त के साथ निखरती हो ||
#किसानपुत्री_शोभा_यादव
वो ख़्वाब भी क्या ख़्वाब भला,
जो पलभर में आखों से बिसरती हो ।
यह तो ऑंखों की वह हीना है ,
जो वक़्त के साथ निखरती हो ||
#किसानपुत्री_शोभा_यादव