ख्वाब ही सही मुलाकात हो जाती
ख्वाब सही मुलाकात हो जाती
सारी उम्र ग़र ये रात हो जाती
तेरी जुल्फों तले छुपा हैं बादल,
उठा लेती तो बरसात हो जाती
तुम्हारे तरफ है सबकी निगाहें
करती इशारा तो बात हो जाती
चाहत थी कि फ़ना हो जाऊँ मैं
मग़र ये तों खुराफात हो जाती
शुक्र, सजना कुछ कम कर दिये
ख़राब दिल की हालात हो जाती
✍️रवि कुमार सैनी