ख्वाब यहाँ पलतें है…
अब ख्वाब यहाँ पलते है,
अरमानों का आसमान उड़ता है …
समंदर की गहराई हँसीमें इनकी,
प्यार का भंडार खुलता है…
किरणों की तपिश बाहूँओंमे इनकी,
भगवान तो इनमें बसता है …
ये है तो जिंदगी है खुशी है,
कुर्बान इनपें हों जाऊ दिल कहता है…
लगे ना नजर किसीकी मेरे लाल तुझे,
सारी बलाएँ सरपें अपने दिल दुवाँओमें माँगता है…
नन्हे नन्हे हातों से जब पोछे ये आँसू,
हम सें अमीर ना कोई घमंड चढता है…
माफ करना मेरे इश्वर अगर तुझे बाद में याद करूँ,
आँखों में तो बस दिल का ये टुकड़ा बसता है…
अब ख्वाब यहाँ पलते है,
अरमानों का आसमान उड़ता है …