ख्वाब बनाम जरुरत
वो कहती है तुम मेरा ख्वाब हो।
और पूछती है तुम मुझे क्या मानते हो?
हमनें कहा! तुम मेरी जरूरत हो,
ख्वाब! तो अधूरा रह सकता है
टूट सकता है मगर
जरुरत तो हर हाल में पूरी करना पड़ता है
शिव प्रताप लोधी
वो कहती है तुम मेरा ख्वाब हो।
और पूछती है तुम मुझे क्या मानते हो?
हमनें कहा! तुम मेरी जरूरत हो,
ख्वाब! तो अधूरा रह सकता है
टूट सकता है मगर
जरुरत तो हर हाल में पूरी करना पड़ता है
शिव प्रताप लोधी