ख्याल
सपने तुम्हारे ही ख्यालों के आता क्यों है?
मन को अंदर ही अंदर बहकाता क्यों है?
तुम्हारे ही यादों में खोया -खोया ये दिल है?
दूर कर दिल को खुद से,तड़पाता क्यों है?
हो तुम अपने ये बात बताकर
नजरें यूँ मुझसे चुराता क्यों है?
कर खुद से फना प्यार को मेरे
दिल को ऐसे सताता क्यों है?
हो अगर तुम पास हमारे
तो ऐसे जाता क्यों है?
ममता रानी