ख्याल में तुम
बातों को घुमा-घुमा कर क्यो बात करते हो
🌹सीधा–सीधा कह दो अब इश्क नही हमसे
जाना है तो जाओ, ना रोकेंगे तुमको सनम
🌹करेंगे दुआ, मिले तुम्हे अच्छा, कही हमसे
बिछड़ जाने का मलाल तो हमे सदा रहेगा
🌹मुख़ातिब हुए फिर भी तुम हो सही हसमे
याद आये तो तस्वीर देख बातें कर लेंगे
🌹क्योंकि मिरे यादो में मिलेंगी वही हमसे
जहन में सिर्फ एक ही ख़्याल याद आता है
🌹ख़्वाब-ए-हक़ीक़त मिलेंगी कही हमसे
जुड़ी रही ना हुई दिल से कभी भी जुदा तू
🌹शब–ए–चाँद दिखा पर मिला नही हमसे
दरार-ए–दिल भरते जो दिल पर आई थी
🌹दूर जाने का फैसला ना करते कही हमसे
फ़िराक़ में क्या कहूँ ना बात हुई ना देखे है
🌹रुख़ हज़ार मिलेगें दिल मिलेगा नही हमसे
मन का उलझन ही मन को जला देता है
🌹 मन से सवाल को कैसे कहूं वो सही हमसे
©® प्रेमयाद कुमार नवीन
जिला – महासमुन्द (छःग)