खौफ से मुक्ति
ये जो सृष्टि में ब्रह्म-जाल फैला हुआ है.
इससे पार सिर्फ़ बुद्धि पा सकती है.
बुद्धि-योग इसलिए नहीं कहुगा.
लोग कृष्ण/शंकर/पतंजलि आदि को पकड़ लेंगे और फिर रामदेव वाला कह कर बच निकलेंगे.
मन है .. इसकी अपनी संरचना वा प्रकृति और प्रवृत्ति होती है.
द्वंद्वात्मक वा द्वैतात्मक
और विचारों का प्रवाह सतत निर्बाध रूप से चलते रहता है.
ऊपरवाला आपका सिर है,
मन है, बुद्धि है, विवेक है.
इसे पहले खुद समझो.
यानि जाने
न कि लडो.
न ही डरो.
संयुक्त उद्धरणों वाली बुद्धि विचार.
जब चाहे तब,
एक दूसरे महाजाल को पकड लेती है.
जिसे आस्था/विश्वास कहते है.
आपका अपना अनुभव होना चाहिए.
न की कोई शास्त्र/उपनिषद/वेद गीता/कुरान या बाइबल.
बाइबल महान् वैज्ञानिक गैलीलियो की हत्यारी है.
ज्ञान ही आपके खौफ का पहला और आखरी इलाज है.
तथात्सु से कुछ नहीं होना.
तथागत बुद्धि ही आखरी सत्य है.
कथा कहानियों से बोद्ध जगता है.
अगर आपने पढने और लिखने वाले है.
बुद्धि नहीं तो जंजाल.
डॉक्टर महेन्द्र सिंह हंस