खो जानी है जिंदगी
खो जानी है जिंदगी,जरा संवर तो लीजे
यूँ ही जानी है जिंदगी जरा……………
ये दौलत भी रह जाएगी
ये शौहरत ना जाएगी
ये मोहब्बत में है जिंदगी जरा……….
या तो कोई किसी का नहीं
या हैं अपने जहाँ में सभी
जी ले जी भर के जिंदगी जरा……….
ख्वाबों को देखना छोड़ दो
सपनों का महल तोड़ दो
हकीकत ही है जिंदगी जरा…………..
देख हस्ती है ये तेरी यही
तेरी काया भी तेरी नहीं
सदा किसकी रही जिंदगी जरा……….
‘V9द’ मांगे कुछ ना मिले
फल कर्मों का बस मिले
देखो फानी है ये जिंदगी जरा………….
स्वरचित
V9द चौहान