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20 Sep 2024 · 1 min read

*खो गया है प्यार,पर कोई गिला नहीं*

खो गया है प्यार,पर कोई गिला नहीं
********************************

छिप गया है चाँद,पर कोई गिला नहीं।
चल दिया उस पार,पर कोई गिला नहीं।

रूठता दिलदार जब तन-मन जले सदा,
हिल गया किरदार,पर कोई गिला नहीं।

इस कदर वो आज यूँ हम से खफ़ा लगे,
रुक गया संसार,पर कोई गिला नहीं।

डूबते को आसरा कोई नहीं मिला,
घिर गया मँझदार,पर कोई गिला नहीं।

रो रहा है आज मनसीरत खड़ा – खड़ा,
खो गया है प्यार,पर कोई गिला नहीं।
*********************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

49 Views
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