खोलो उर के द्वार बंद ऑखों को खोलो ( गीत )
खोलो उर के द्वार, बंद ऑखों को खोलो !
निखिल विश्व का प्यार तुम्हारे घर आता है ।
हरिद्वार है तीर्थ हमारा ,गंगाजल अमृत ।
गीता- रामायण का वाचन अर्थ हमारा है ।
यहॉ सुपूजित श्रमिकों का बल,जीवन है संबल
जन- कल्याणी परोपकारी धर्म हमारा है ।
भारतीय इन सबसे ही पहचाने जायेंगे ।।
— जितेंद्रकमल आनंद , रामपुर ( उ प्र )
दिनांक : २९-४-१७