खोफ
सजा से तेरी यहां
अब कोई डरता नही
माथे को तेरे द्वार पे टिकाने के बाद
गुनाह करने से कोई झिझकता नही ।
कौन है तू कैसा है तू
वास्तविकता को कयूं तू बताता नही
अवतार तो बहुत लिये तूने
असली रूप को कयूं तू दिखाता नही ।
कर्मो का चक्र अब जंग खाने लगा
कानून को अपने कयूं तू बदलता नही
दयालु कृपानिधान है तू
खोफ को अपने कयूं तू जगाता नही ।
कैसे चलानी है ये दुनिया
तुझसे बेहतर किसे ये ज्ञान नही
इक बार निगाह डाल तो ले
बनाया है जो तूने इन्सान है कुछ और नही ।।
राज विग