खेत और खलिहान
शहरों मे करने लगा,जब से काम किसान !
तब से सब सूने पड़े ,खेत और खलिहान !!
कहने को तो देश है,..अपना कृषक प्रधान !
क्यों मरते हैं भूख से,फिर भी यहाँ किसान ! !
रमेश शर्मा
शहरों मे करने लगा,जब से काम किसान !
तब से सब सूने पड़े ,खेत और खलिहान !!
कहने को तो देश है,..अपना कृषक प्रधान !
क्यों मरते हैं भूख से,फिर भी यहाँ किसान ! !
रमेश शर्मा