खूशियों के पल
जी भर के आज
वो मुस्कराया है
बाद मुद्दत के खूशियों का पल
झोली मे उसकी आया है ।
खूशियों का पैमाना
आंखों से छलक आया है
पाने को इस पल को
किस्मत ने बहुत उसे रूलाया है ।
अंधेर नही उसके द्वारे
समझ ये आज उसे आया है
खोया था जितना उसने
कहीं अधिक आज पाया है ।
खुशियों का कारवां
बसन्त बन के आया है
कांटो से उठा कर
उसे फूलों पर बैठाया है ।।
राज विग