Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Oct 2023 · 1 min read

खूब रोया अटल हिज्र में रात भर

दिनांक २६/१०/२३

विधा -गीतिका
समांत -अने
पदांत -लगा देखिए
छंद -स्रिग्वणी वाचिक
२१२ २१२ २१२ २१२

रूप यौवन उभरने लगा देखिए।
अब अटल भी सॅवरने लगा देखिए।।(१)

इश्क चढ़कर नशा बोलने यों लगा,
चाल अपनी वो’ चलने लगा देखिए ।।(२)

रात होने लगी है बहुत अब बड़ी,
वक्त अब तो फिसलने लगा देखिए।(३)

क्या करे अब अटल दास्तां ए बयां,
वक्त कांटों सा’ चुभने लगा देखिए।(४)

खूब रोया अटल हिज्र में रात भर,
वक्त अब तो खटकने लगा देखिए।(५)
🙏💐🙏
अटल मुरादाबादी
९६५०२९११०८

1 Like · 182 Views

You may also like these posts

क्या मिटायेंगे भला हमको वो मिटाने वाले .
क्या मिटायेंगे भला हमको वो मिटाने वाले .
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
इश्क का बाजार
इश्क का बाजार
Suraj Mehra
क्षणिका
क्षणिका
sushil sarna
ख़बर है आपकी ‘प्रीतम’ मुहब्बत है उसे तुमसे
ख़बर है आपकी ‘प्रीतम’ मुहब्बत है उसे तुमसे
आर.एस. 'प्रीतम'
बोट डालणा फरज निभाणा -अरविंद भारद्वाज
बोट डालणा फरज निभाणा -अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
*होता है पिता हिमालय-सा, सागर की गहराई वाला (राधेश्यामी छंद)
*होता है पिता हिमालय-सा, सागर की गहराई वाला (राधेश्यामी छंद)
Ravi Prakash
चिराग आया
चिराग आया
Pratibha Pandey
'चाह'
'चाह'
Godambari Negi
"इम्तहान"
Dr. Kishan tandon kranti
रोज़ दरवाज़े खटखटाती है मेरी तन्हाइयां,
रोज़ दरवाज़े खटखटाती है मेरी तन्हाइयां,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
टूटा हुआ ख़्वाब हूॅ॑ मैं
टूटा हुआ ख़्वाब हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
King88 là một cổng game bài đổi thưởng uy tín, mang đến cho
King88 là một cổng game bài đổi thưởng uy tín, mang đến cho
nhacai king88
कविता :- दुःख तो बहुत है मगर.. (विश्व कप क्रिकेट में पराजय पर)
कविता :- दुःख तो बहुत है मगर.. (विश्व कप क्रिकेट में पराजय पर)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कुरीतियों पर प्रहार!
कुरीतियों पर प्रहार!
Harminder Kaur
* कैसे अपना प्रेम बुहारें *
* कैसे अपना प्रेम बुहारें *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शंकर आदि अनंत
शंकर आदि अनंत
Dr Archana Gupta
आप हो
आप हो
sheema anmol
श्रद्धा के दो फूल
श्रद्धा के दो फूल
आकाश महेशपुरी
अब मत खोलना मेरी ज़िन्दगी
अब मत खोलना मेरी ज़िन्दगी
शेखर सिंह
चुनौतियाँ बहुत आयी है,
चुनौतियाँ बहुत आयी है,
Dr. Man Mohan Krishna
मुझमें क्या मेरा है ?
मुझमें क्या मेरा है ?
अरशद रसूल बदायूंनी
सारे दूर विषाद करें
सारे दूर विषाद करें
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
इसी खिड़की से प्रतीक्षारत होकर निहारने की तरह ही
इसी खिड़की से प्रतीक्षारत होकर निहारने की तरह ही
पूर्वार्थ
!! राम जीवित रहे !!
!! राम जीवित रहे !!
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
महिलाएं अक्सर हर पल अपने सौंदर्यता ,कपड़े एवम् अपने द्वारा क
महिलाएं अक्सर हर पल अपने सौंदर्यता ,कपड़े एवम् अपने द्वारा क
Rj Anand Prajapati
मानव निर्मित रेखना, जैसे कंटक-बाड़।
मानव निर्मित रेखना, जैसे कंटक-बाड़।
डॉ.सीमा अग्रवाल
*हमारे कन्हैया*
*हमारे कन्हैया*
Dr. Vaishali Verma
आज कल सोशल मीडिया में सकारात्मक भंगिमा को स्वीकारते नहीं हैं
आज कल सोशल मीडिया में सकारात्मक भंगिमा को स्वीकारते नहीं हैं
DrLakshman Jha Parimal
सदा सदाबहार हिंदी
सदा सदाबहार हिंदी
goutam shaw
कैसे सँवार लूं
कैसे सँवार लूं
हिमांशु Kulshrestha
Loading...