खूब रोया अटल हिज्र में रात भर
दिनांक २६/१०/२३
विधा -गीतिका
समांत -अने
पदांत -लगा देखिए
छंद -स्रिग्वणी वाचिक
२१२ २१२ २१२ २१२
रूप यौवन उभरने लगा देखिए।
अब अटल भी सॅवरने लगा देखिए।।(१)
इश्क चढ़कर नशा बोलने यों लगा,
चाल अपनी वो’ चलने लगा देखिए ।।(२)
रात होने लगी है बहुत अब बड़ी,
वक्त अब तो फिसलने लगा देखिए।(३)
क्या करे अब अटल दास्तां ए बयां,
वक्त कांटों सा’ चुभने लगा देखिए।(४)
खूब रोया अटल हिज्र में रात भर,
वक्त अब तो खटकने लगा देखिए।(५)
🙏💐🙏
अटल मुरादाबादी
९६५०२९११०८