* खूब कीजिए प्यार *
** गीत **
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छोड़ दीजिए चिन्ता सारी, खूब कीजिए प्यार।
जीवन हो आनन्दमय, स्नेह भरा व्यवहार।
निशा बीतने पर हुई, सुन्दर स्वर्णिम भोर।
फूलों की बगिया खिली, महक उठी हर ओर।
देखो तो सजने लगा, खुशी खुशी संसार।
छोड़ दीजिए………
प्रीति लिए कोई आया है, मुखड़े पर मुस्कान।
आओ कर लें हाथ बढ़ाकर, थोड़ी सी पहचान।
धीरे धीरे स्वप्न सभी फिर, होंगे खुद साकार।
छोड़ दीजिए………
ठोकर लग जाती है जब भी, मन सहता आघात।
कभी कभी बहने लगती है, अश्कों की बरसात।
उठकर आगे बढ़ना है तब, शुभ है यही विचार।
छोड़ दीजिए……….
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, १८/०१/२०२४