खूबसूरत
‘”अब शहद लगा कर चाटो , बहुत खूबसूरत है न । लाखों में एक है , यही कहा था न तुमने । रख लो अब शोकेस में । घर की खूबसूरती में और चार चांद लग जाएंगे । मैंने पहले ही कहा था यह कहीं नहीं निभने वाली । आखिर लौट ही आई न , जब अपना ही सिक्का खोटा हो तो किसी पर दोष मढ़ना ठीक नहीं ॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔
–यह कहते हुए माधवी निढाल सी कुर्सी पर बैठ गई । दरअसल माधवी की दो बेटियां हैं ।एक खूबसूरत है लेकिन कामकाज में उसे कोई रुचि नहीं ।ऊपर से अभिमानी भी ।बाप के लाड़ प्यार
ने उसे और नकचढ़ी बना दिया । खूबसूरत चेहरा,विवाह सरलता से अच्छे परिवार में हो गया । दूसरी बेटी सांवली और अत्यंत साधारण । जो भी देखने आता , छोटी बेटी को ही पसंद करता लेकिन बड़ी के रहते छोटी की शादी कैसे हो । कई दिनों तक यही चलता रहा । आखिर छोटी बेटी की शादी पहले कर दी गई। इधर बड़ी बेटी जो किसी आफिस में क्लर्क थी । वहीं के एक सहकर्मी ने उसकी सादगी और ईमानदारी से प्रभावित होकर उसके समक्ष विवाह का प्रस्ताव रखा । लेकिन इसमें सबसे बड़ी अड़चन उसका दूसरे धर्म का होना था ।कई दिनों तक बात बनती बिगड़ती रही ।अंत में दोनों के परिवार वालों की रजामंदी से भिन्न धर्म के लड़के से विवाह हो गया । विवाह के कई दिनों के पश्चात् भी आज वह अत्यंत साधारण सांवली लड़की दोनों परिवारों की सबसे चहेती है ।