“खूबसूरत पल गुजर गए हैं”
बड़ी ही उलझी सी है जिन्दगी मेरी,
सुलझाते सुलझाते खूबसूरत पल गुजर गए हैं।
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लोग उम्मीद करते हैं अक्सर मुझसे,
पर अपनी पर आईं तो मेरे लिए सभी के दिल बदल गए हैं।
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जिन्हें दिल में जगह दी थी अपनी जिन्दगी बनाकर,
लाखों जख्म दिल पर लगा वो भी नज़रों से उतर गए हैं।
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वैसे तो कोई तोड़ नहीं सकता था मुझे,
पर शब्द के तीर से सारे रिश्ते पल में बिखर गए है।
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घमंड था मुझे अपने खूबसूरत से आशियाने पर,
पर गरीब की झोपड़ी के आगे मेरे सारे सुकून चैन छीन गए है।