खूबसूरती ….दो दिन की है.
खूबसूरती ….दो दिन की है.
इस पर कभी नाज न करना
शाम होते ही ढल जाएगी
इस का कभी गुमान न करना !!
बड़े बड़े आये..और स्वाद लेकर
चल बसे .न जाने किस जहान में
यह छल कपट की है दुनिया
इसका कभी ऐतबार न करना !!
चलते चलते सरे राह निगल जाएगी
तेरी जेब से हर चीज फिसल जाएगी
रोके से भी न रूकेगी कोशिश कर लेना
बड़ी जालिम है, तून विश्वाश न करना !!
कहती कुछ और करती कुछ है
समझती कुछ, समझाती कुछ है
जिओ तो जीने न दे मार देती है
इस का कभी सच यकीन न करना !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ