खून का बदला खून ही होगा –आर के रस्तोगी
खून का बदला खून ही होगा ,
इससे अब कुछ कम न होगा |
सुन ले पाक कान खोल कर
अब तिरंगा तेरी जमी पर होगा ||
करता है तू छिपकर का हमला ,
ये तो कायरता की निशानी है |
क्या भारत इसका जबाब न देगा
ये समझना तेरी अब नादानी है ||
हुए हमारे जो वीर जवान शहीद ,
अब गिन गिन कर बदला लेगे |
एक बदले अब सौ सिर लेगे
इससे कुछ कम अब नहीं लेगे ||
कर दे हवाले उस मसूर को
जो छिपा कर तूने रक्खा है |
मुर्दा या जिन्दा पकड़ कर लोटेगे
अब ये इरादा हमारा पक्का है ||
अगर अपनी माँ का दूध पिया है
क्यों नहीं युद्ध के मैदान में आता है |
जो छिप कर वार करे हम पर
वह कायर गीदड़ कहलाता है ||
हाथ में तेरे भीख का कटोरा है
अब तू दर दर ठोकर खायेगा |
केवल अब तू जान की भीख मांग
जो चीन भी तुझे नहीं दे पायेगा ||
हमने अब सबने कसम खाई है
तेरा नमो निशान मिटा देगे |
दुनिया के इस नक़्शे से ही
तेरा नाम ही अब हटा देगे ||
कर रहा है तू पाक नादानी ,
जो आत्मघाती दस्ते बना रहा |
वे ही तेरी मौत का कारण होगे
जिनको तू अब दूध पिला रहा ||
आर के रस्तोगी