खुश होगा आंधकार भी एक दिन,
खुश होगा आंधकार भी एक दिन,
होगा एक शाम रौशन भी एक दिन,
तब होगा शमशान जसन भी एक दिन,
पंचताव में विलीन होगा नश्वर शारीर एक दिन।
गौतम साव
खुश होगा आंधकार भी एक दिन,
होगा एक शाम रौशन भी एक दिन,
तब होगा शमशान जसन भी एक दिन,
पंचताव में विलीन होगा नश्वर शारीर एक दिन।
गौतम साव