खुशी कोई वस्तु नहीं है,जो इसे अलग से बनाई जाए। यह तो आपके कर
खुशी कोई वस्तु नहीं है,जो इसे अलग से बनाई जाए। यह तो आपके कर्मों के परिणाम के रुप में प्रकट होती है।
पारस नाथ झा
खुशी कोई वस्तु नहीं है,जो इसे अलग से बनाई जाए। यह तो आपके कर्मों के परिणाम के रुप में प्रकट होती है।
पारस नाथ झा