संघर्ष
संघर्ष
तूँ ही मेरा दिल
तूँ ही मेरी जाँ
देखूँ जब …..
तेरे लबों पे मुस्कान
भूल जाऊँ सब थकान।
मेरी गरीबी , मेरे दर्द
मेरी जिंदगी ,मेरे कर्म
न झूका सकेगा मुझे दर्द
तेरे लिए करूँगी संघर्ष
दूँगी तुझे सुख का स्पर्श।
गरीबी न आड़े आएगी
भूख भी डरा न पाएगी
गर्मी न मुझे जलाएगी
सर्दी भी न ठिठुराएगी
तुझे बड़ा कर जाऊँगी।
आज तूँ मेरी पीठ बँधा
मेरे सुख दुख से जुृड़ा
तूँ हर पल मेरे साथ रहे
सब से बचा साथ लिया
बस यूँ ही तुझे बड़ा किया।
नीरजा शर्मा