& **खुशियों की छत..!
आशियाना हो एक
भले ना छत हो, दिल का तराना हो….
आशाएं अपार हो,
सूखी संपन्न संसार हो,
मजबूर नहीं रिश्ते मजबूत हो….
खुशियों की स्याही से लिखी एक किताब हो….
दुख भी हो साथ ही सुखों का भरमार हो…..
आशियाना हो एक…
आकांक्षा उड़ान की हो
रग में मानवता का खून बहे,
हलाहल के साथ अमृत का एक प्याला भी हो…
भले ना छत हो, दिल का तराना हो….
आशियाना हो एक……
आशियाना हो एक…………
(बिमल रजक)