खुशियों की एक अज़ीयत है।
खुशियों की एक अज़ीयत है।
कितनी अजीब मोहब्ब्त है।
तुमने किया जो वो शरारत है।
मैंने किया जो, मोहब्ब्त है।
तुझको ठुकराया जाने जां,
तब से खराब ये किस्मत है।
बापर्दा तुमको किया मैंने,
ये तो मेरी ही शराफत है।
जिसमें फँसता चला गया मैं,
वो क़यामत से भी क़यामत है।
इन आंसुओं का फिक्र न करना,
इनको बहने की आदत है।
तो जाओ तुमको छोड़ दिया,
वर्ना ! तू शानो – शौकत है।