“खुशमिजाजी से जीना” #50 शब्दों की कहानी#
विवाह में पोती को आशीर्वाद देने वाकर के सहारे पहुंची दादी, समधन ने पूछा, अपार शक्ति का राज ? दादी ने कहा “जिंदगी में सुख-दुख की लहरें पारकर अथाह-सागर बन फिसलती रेत जैसे समय बहाव के साथ कुर्सी बन सुख-दुख में संतुलन बनाकर विशालकाय नीले-अंबर तले खुशमिजाजी से जीना चाहिए”।