*खुशबू*
खुशबू
इन फूलो की खुशबू की महक दूर से ही,
महकने लगती है।
ईश्वर के पास महकते फूलो की ,खुशबू कर्म करने से पहले ही महकने लगती है ।
चाहे लाख छुपाऊँ पत्तो में पर छुप ना पाया,
लेकिन खुशबु दूर तक महकने लगती है।
पुष्प अर्पित करने चला जा रहा था फिर ,
महकते फूलो की खुशबू से तन महकने लगती है।
फूलो की खुशबू सा हंसता हुआ,
चहुँ ओर इन फूलो की तरह रँगीन शमां में महकने लगती है।
जीवन फूलो की खुशबू से बढे हुए ऐसे,
जैसे राम सीता का मिलन पुष्प वाटिका में हुआ और महकने लगती है।
जिसका तनमन फूलो की खुशबू सा महक जाए,
वो काँटों में रहकर भी मुस्करा कर महकने लगती है।
चाह नही मै सुरबाला के चोटी पर गुँथा जाऊँ ,
फिर उन शहीदो के पथ पर बिखरते हुए महकने लगती है।
जीवन पथ पर काँटे मिले तो फूल समझकर ,
बढ़ते हुए धूल पर चढ़कर महकने लगती है।
फूलो की खुशबू जब तनमन में घुल जाये तो ,
जीवन ज्योति का प्रकाश सा चमकने लगती है।
नमन करूँ मै उन माली का जिसने फूल उगाए ,
संघर्ष से जूझकर बढ़ते हुए उपवन में फिर महकने लगती है।
नही चाहिए सोना चांदी ना कुछ रुपया पैसा , धन दौलत,
फूलो की खुशबूओं से सारा जीवन यूं ही महकने लगती है।
श्रीमती शशिकला व्यास शिल्पी✍️
भोपाल (म. प्र.)
राधैय राधैय जय श्री कृष्णा 🌹🙏✨🌟⭐
।।नारायण।। नारायण।। नारायण।। नारायण।।
दिल में हो खुशबू हर जज्बात में हो खुशबू , बात तो तब बन जाए जब हरेक बात में हो खुशबू।
चमन में जान बनके महक कोई हाथ में पकड़के मसल दे तो उसके हाथ में हो खुशबू।
खुशबू सारे जहान में महकते रहे,तमाम उम्र सफ़र पर निकले और तन मन महकता ही रहे हरदम।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹