खुल गया मैं आज सबके सामने
खुल गया मैं आज सबके सामने
अपने हर पहलू को ज़ाहिर कर दिया।।
बख़्श कर सिन्फ़े-ग़ज़ल मेरे ख़ुदा
मुझको लफ़्ज़ों का मुसाफ़िर कर दिया
नज़ीर नज़र
खुल गया मैं आज सबके सामने
अपने हर पहलू को ज़ाहिर कर दिया।।
बख़्श कर सिन्फ़े-ग़ज़ल मेरे ख़ुदा
मुझको लफ़्ज़ों का मुसाफ़िर कर दिया
नज़ीर नज़र