Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Aug 2024 · 1 min read

खुलेआम मोहब्बत को जताया नहीं करते।

खुलेआम मोहब्बत को जताया नहीं करते।
ज़ालिम के डर से हम घबराया नहीं करते।
मिलती है शिकस्त ज़माने में यूंही कभी कभी ।
हम अहले हिंदुस्तान है ये जताया नहीं करते ।।
Phool gufran

71 Views

You may also like these posts

लड़ता रहा जो अपने ही अंदर के ख़ौफ़ से
लड़ता रहा जो अपने ही अंदर के ख़ौफ़ से
अंसार एटवी
जिंदगी में सिर्फ हम ,
जिंदगी में सिर्फ हम ,
Neeraj Agarwal
मुसलसल छोड़ देता हूं
मुसलसल छोड़ देता हूं
पूर्वार्थ
जब हक़ीक़त झूठ से टकरा गयी…!
जब हक़ीक़त झूठ से टकरा गयी…!
पंकज परिंदा
सत्ता परिवर्तन
सत्ता परिवर्तन
Shekhar Chandra Mitra
*त्योरी अफसर की चढ़ी ,फाइल थी बिन नोट  * [ हास्य कुंडलिया 】
*त्योरी अफसर की चढ़ी ,फाइल थी बिन नोट * [ हास्य कुंडलिया 】
Ravi Prakash
3524.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3524.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
अलगौझा
अलगौझा
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
बेचारी माँ
बेचारी माँ
Shaily
मित्रों से अच्छा नहीं,
मित्रों से अच्छा नहीं,
sushil sarna
मैं ढूंढता हूं रातो - दिन कोई बशर मिले।
मैं ढूंढता हूं रातो - दिन कोई बशर मिले।
सत्य कुमार प्रेमी
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
"दो पल की जिंदगी"
Yogendra Chaturwedi
" इन्तेहाँ "
Dr. Kishan tandon kranti
दारू से का फायदा
दारू से का फायदा
आकाश महेशपुरी
बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी
बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
प्रेम और भक्ति
प्रेम और भक्ति
Indu Singh
सफर या रास्ता
सफर या रास्ता
Manju Singh
"साहित्यपीडिया" वालों को अपनी प्रोफाइल "लॉक्ड" करने के साथ ए
*प्रणय*
बिड़द थांरो बीसहथी, चावौ च्यारूं कूंट।
बिड़द थांरो बीसहथी, चावौ च्यारूं कूंट।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
जितने चंचल है कान्हा
जितने चंचल है कान्हा
Harminder Kaur
ये ज़िंदगी तुम्हारी है...
ये ज़िंदगी तुम्हारी है...
Ajit Kumar "Karn"
रिश्ते
रिश्ते
Sanjay ' शून्य'
सूरज चाचा ! क्यों हो रहे हो इतना गर्म ।
सूरज चाचा ! क्यों हो रहे हो इतना गर्म ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
कोई शाम तलक,कोई सुबह तलक
कोई शाम तलक,कोई सुबह तलक
Shweta Soni
नालन्दा
नालन्दा
Shailendra Aseem
राम है आये!
राम है आये!
Bodhisatva kastooriya
Bye December
Bye December
Deepali Kalra
तुम कहो तो कुछ लिखूं!
तुम कहो तो कुछ लिखूं!
विकास सैनी The Poet
साया ही सच्चा
साया ही सच्चा
Atul "Krishn"
Loading...