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20 Aug 2024 · 1 min read

खुली पलक में झूठ के,

खुली पलक में झूठ के,
दिखते अनगिन रंग ।
एक रंग रहता सदा,
सच्चाई के संग ।।

सुशील सरना / 20-8-24

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