– खुली किताब –
– खुली किताब –
मेरा जीवन खुली किताब सा ,
तुम्हारा जीवन है बंद किताब सा,
खुली किताब को सभी पढ़ जाए,
बंद किताब में पड़े रहस्य को कोई समझ न पाए,
बंद में दबा रहस्य मेरे जीवन को खा जाए,
जीवन मेरा इस अधरझूल बंद किताब न पढ़ पाए,
खुली किताब के पन्ने है जो हवा आने पर फड़फड़ाए,
बंद किताब सा ऐसा जादू हवा कोई कर ना पाए,
बंद किताब का जीवन रहस्यमय,
खुली किताब कह जाए,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क -7742016184