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2 Nov 2023 · 1 min read

खुला आसमान

चाहिए मुझे मेरा खुला आसमान।
एक लम्बी मुझे भरनी है उड़ान ।

मत मानो देवी ,न मानो जननी
इज्ज़त ही‌ हो बस मेरी पहचान।

क्यों बात बात पर ताने हो कसते
दो विद्या का गहना ,न रहूं नादान।

मुझे भी उड़ना है पंख खोलने दो
मेरी भी इच्छा,पूरी कर भगवान ।

है लड़ना मुझे ,मेरे ही अपनों से
चाहे वो ले ले , आखिर मेरी जान।

अबला ,बेबस ,कर्मजली ,नहीं अब
ज़रा गौर से देखो लगा कर ध्यान।

मेरा हक मुझे , लेना है छीन कर
मेरी बातों से क्यों ,आप हैं हैरान।

सुरिंदर कौर

Language: Hindi
1 Like · 267 Views
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