खुद
जो खुद को नही जानता
वो दूसरों अच्छे से पहचानता।
मैं शोचता हूँ, मैं ही ऐसा हूँ
जो मैं दूसरों को नही पहचानता।
जान पहचान तो बहुत है अपनी
पर हमे कोई नही जानता।
माना इस जहान मे हर कोई बेगाना है
क्या साथ रखना है, क्या लेकर जाना है।
खवाईशे बडी नही थी अपनी
छोटी का ही क्या ठिकाना है।
अब समझे नही, फिर क्या समझाना है।
अहिस्ते चल इन रास्तो पर
ना जाने कब कोई मोड आ जाये।
छोड इन रास्तो को
क्यो ना हम नया रास्ता बनाये।…
* Swami ganganiya *